ज्येष्ठ माह: पंचांग के अनुसार मई साल का पांचवां महीना है। वहीं, हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस महीने के अंत में साल का तीसरा महीना शुरू होता है। इसे ज्येष्ठ या जेठ माह कहा जाता है। सूर्य की श्रेष्ठता के कारण ही इस माह को जेठ माह कहा जाता है। इस माह में अत्यधिक गर्मी होने के कारण इस माह में सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव, श्री राम और हनुमानजी की विशेष पूजा की जाती है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार तीसरा महीना
उत्तराखंड के ऋषिकेश में श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने कहा कि इस महीने में बारिश शुरू हो जाती है और पेड़-पौधों को नई ऊर्जा मिलती है। यह महीना अनाज उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में फसलों की खेती की तैयारी की जाती है। इस महीने में जो लोग पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों की सेवा करते हैं, जरूरतमंदों की मदद करते हैं और दान करते हैं, उन्हें कभी कोई दुख या खतरा नहीं होता और उनकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व
पुजारी ने बताया कि इस साल ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू हो रहा है और इसका समापन 23 जून 2024 को होगा. इस महीने में जल दान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी हो जाती हैं। हिंदू कैलेंडर में ज्येष्ठ माह को बहुत खास माना जाता है। मान्यता है कि इस माह में पड़ने वाले सभी व्रत जैसे शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, निर्जला एकादशी, बड़ा मंगल आदि व्रत करने से दोगुना लाभ मिलता है। मां गंगा का धरती पर आगमन भी ज्येष्ठ माह में ही हुआ था, जिसे गंगा दशहरा या गंगा जयंती के नाम से जाना जाता है।