
केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। यह आयोग 2026 में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिसमें महंगाई, कर्मचारियों की आवश्यकताओं और मौजूदा वेतन संरचना की समीक्षा की जाएगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी सिफारिशें 2027 तक लागू हो सकती हैं। यह आयोग 50 से 65 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।
सैलरी में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी?
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हाल की रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों की मासिक सैलरी में 19,000 रुपये तक की वृद्धि संभव है।
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यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के बेसिक वेतन और फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाएगी।
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल और अगला चरण
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सातवां वेतन आयोग वर्ष 2016 में लागू हुआ था और इसका 10 वर्षीय कार्यकाल 2026 में पूरा होगा।
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सरकार की परंपरा के अनुसार, हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है।
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2025 में नए आयोग के गठन की संभावना है, और इसके आधार पर जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है।
वर्तमान सैलरी ढांचा
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एक मध्यम स्तर के कर्मचारी की मौजूदा औसत सैलरी लगभग ₹1,00,000 प्रति माह है।
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न्यूनतम बेसिक वेतन: ₹18,000
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इस सैलरी में महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को जोड़कर कुल वेतन बनता है।
बजट के अनुसार संभावित सैलरी बढ़ोतरी
प्रस्तावित बजट | अनुमानित सैलरी | बढ़ोतरी राशि |
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₹1.75 लाख करोड़ | ₹1,14,600 | ₹14,600 |
₹2.00 लाख करोड़ | ₹1,16,700 | ₹16,700 |
₹2.25 लाख करोड़ | ₹1,18,800 | ₹19,000 |
पिछले वेतन आयोग में क्या हुआ था?
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सातवें वेतन आयोग के तहत 2016 में ₹1.02 लाख करोड़ का खर्च आया था।
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उस समय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हुई थी।
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इसका आधार फिटमेंट फैक्टर 2.57 था।
8वें वेतन आयोग की प्रमुख मांगें
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कर्मचारियों की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर 2.86 किया जाए।
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इस आधार पर न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो जाएगा।
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हालांकि कुछ विश्लेषक मानते हैं कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 तक सीमित रह सकता है।
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