अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूरों की हुई घर वापसी, 5 नवंबर को भारत में लैंड करेगी फ्लाइट

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News India Live, Digital Desk : अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में पिछले कई महीनों से फंसे झारखंड के 48 मजदूरों के लिए आखिरकार राहत की खबर आई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप और राज्य सरकार के अथक प्रयासों के बाद सभी मजदूर 5 नवंबर को सुरक्षित भारत लौटेंगे। यह उन परिवारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जो विदेश में अपने लोगों के फंसे होने के कारण गहरे संकट और चिंता में थे।

क्या था पूरा मामला?

झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के रहने वाले ये 48 मजदूर बेहतर भविष्य का सपना लेकर ट्यूनीशिया गए थे। वे वहां एक भारतीय कंपनी 'केईसी इंटरनेशनल' (KEC International) में काम कर रहे थे, जो बिजली पारेषण लाइनें बिछाने का काम करती है।

मजदूरों का आरोप है कि कंपनी ने शुरू में तो सब कुछ ठीक रखा, लेकिन बाद में उन्हें कई महीनों तक वेतन नहीं दिया गया। जब उन्होंने अपने बकाया वेतन और भारत वापस भेजे जाने की मांग की, तो कंपनी ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए और उन्हें एक कैंप में बंधक जैसी स्थिति में डाल दिया। खाने-पीने की किल्लत और अनिश्चित भविष्य के बीच ये मजदूर पूरी तरह से हताश हो गए थे।

एक वायरल वीडियो से सरकार तक पहुंची गुहार

जब कोई रास्ता नहीं सूझा, तो इन मजदूरों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने एक वीडियो बनाकर अपनी पीड़ा बताई और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इस वीडियो में उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगाते हुए कहा, "हेमंत सोरेन जी, हम यहां मर जाएंगे, कृपया हमें यहां से बचा लीजिए।"

यह वीडियो कुछ ही समय में वायरल हो गया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गया।

मुख्यमंत्री ने लिया तुरंत एक्शन

वीडियो का संज्ञान लेते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तुरंत श्रम विभाग के अधिकारियों को इस मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष (State Migrant Control Room) हरकत में आया और विदेश मंत्रालय और ट्यूनीशिया में स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क साधा।

श्रम सचिव और श्रम आयुक्त ने खुद इस मामले की निगरानी की और दूतावास के साथ मिलकर कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया। सरकार के लगातार दबाव के बाद, कंपनी प्रबंधन झुकने को तैयार हो गया।

कंपनी ने चुकाया बकाया, कराई टिकट की व्यवस्था

भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद कंपनी प्रबंधन ने सभी 48 मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान कर दिया है और उनके भारत लौटने के लिए हवाई जहाज के टिकट की भी व्यवस्था कर दी है। सभी मजदूर 5 नवंबर को ट्यूनीशिया से भारत के लिए उड़ान भरेंगे और दिल्ली में लैंड करेंगे, जिसके बाद उन्हें उनके घर झारखंड भेजा जाएगा।

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि अगर सही समय पर सरकार तक आवाज पहुंच जाए, तो विदेश में फंसे भारतीयों की मदद के लिए पूरा तंत्र हरकत में आ सकता है।

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