नई दिल्ली: साल 2025 के दौरान 28 नई गाड़ियां लॉन्च होने वाली हैं, जिनमें से 18 इलेक्ट्रिक होंगी। यह पिछले दो वर्षों में हर साल लॉन्च होने वाले 4-5 इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल से एक बड़ी छलांग है। इसके अतिरिक्त, यह आंकड़ा 2023 और 2024 में लॉन्च किए गए क्रमशः 11 और 15 नए वाहनों (ईवी और आंतरिक दहन इंजन दोनों) की संख्या को पार कर जाएगा।
विश्लेषकों का अनुमान है कि ऑटो सेक्टर की वृद्धि का मुख्य कारण शून्य-उत्सर्जन वाहनों में वृद्धि होगी। इस साल यात्री वाहन बाजार में 2,00,000 यूनिट जोड़कर कुल बिक्री में इन वाहनों की हिस्सेदारी आधी होगी।
ऑटो विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों के लॉन्च होने से इनमें उपभोक्ताओं की रुचि बढ़ सकती है। परिणामस्वरूप, इलेक्ट्रिक वाहन की पहुंच 2% से बढ़कर 4% हो सकती है। इस समय सभी निर्माता भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उपभोक्ताओं की चिंताओं को दूर करने और अधिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए, मारुति सुजुकी अगले वित्तीय वर्ष में अपने पहले इलेक्ट्रिक वाहन के लॉन्च से पहले शीर्ष 100 शहरों में हर 5-10 किमी पर फास्ट-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है। भारतीय बाजार के आकार को देखते हुए निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बड़ा इजाफा होगा। सरकार की 5% की कम जीएसटी दर और कई ओईएम द्वारा नए उत्पादों की शुरूआत जैसे प्रयास प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 2030 तक 43% सीएजीआर से बढ़कर 9,32,000 यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है। उस मांग का 61% इलेक्ट्रिक एसयूवी के लिए होगा। 2024 में, देश भर में बेची गई लगभग 43 लाख कारों (सेडान और एसयूवी सहित) की तुलना में ईवी की बिक्री केवल 1,07,000 इकाई थी।