दिल्ली विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘मदारी’ का शुभारंभ

नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय कला मंच एवं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘मदारी’ का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, अखिल विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत, राष्ट्रीय कला मंच की संयोजिका गुंजन ठाकुर, डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा, छात्र संघ सचिव अपराजिता, छात्र संघ सह- सचिव सचिन बैसला एवं राष्ट्रीय कला मंच दिल्ली प्रांत संयोजक, अनुपम तिवारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक में जीसस एंड मेरी कॉलेज,कालिंदी कॉलेज, श्री अरबिंदो महाविद्यालय, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट् एंड कॉमर्स, शहीद भगत सिंह कॉलेज सांध्य और अंबेडकर विश्वविद्यालय की नाटक मंडली ने प्रतिभाग किया। निर्णायक के रूप में एक्टर पुनीत तिवारी, डॉ. प्रतिभा राणा और प्रो. जगबंधु, संगीत विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम 13-15 फरवरी चलेगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ और राष्ट्रीय कला मंच के माध्यम से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘मदारी’ में बतौर अतिथि उपस्थित होना मेरे लिए पहला अनुभव है। मदारी के ध्येय वाक्य इस ‘मिट्टी में जड़े हैं हमारी’ को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मदारी का ध्येय वाक्य हमें अपनी मिट्टी और संस्कृति से जोड़ने का आह्वान करता है।

हमें ऐसे प्रयास को निरंतर बढ़ावा देना चाहिए जो देश प्रेम को बढ़ावा देते है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा स्टूडेंट सेंटर बनाने की मांग हुई है, उस स्टूडेंट सेंटर के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि पूरे विश्व में विख्यात दिल्ली विश्वविद्यालय आन्दोलन तथा रचनात्मकता का केंद्र माना जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय ऊर्जा, देशभक्ति, संस्कार, गतिशीलता और एक्टिविज्म का केंद्र है। मदारी के अंतर्गत आने वाले कार्यक्रमों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि नुक्कड़ नाटक की परंपरा बहुत पुरानी रही है और नाट्य जीवन का अंग है। नुक्कड़ नाटक ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नुक्कड़ नाटक जनजागरण का सशक्त माध्यम है। कुरीतियों को प्रदर्शित करते हुए उसमें बदलाव लाने का माध्यम है। आशा है मदारी कार्यक्रम विद्यार्थियों में नाटक के माध्यम से जनजागरण का काम करेगा।