
लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल
- मंडी, कुल्लू, लाहुल, बिलासपुर, हमीरपुर के लोगों को मिलेगी राहत
प्रदेश के पहले कोविड डेडिकेटेड अस्पताल लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में 11 माह बाद 22 फरवरी से फिर ओपीडी शुरू होगी। इससे पांच जिलों मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति, बिलासपुर व हमीरपुर के लोगों को राहत मिलेगी। उन्हें इलाज के लिए अब आइजीएमसी शिमला, पीजीआई चंडीगढ़ या फिर निजी अस्पतालों में नहीं जाना होगा।
जोनल अस्पताल मंडी का बोझ भी कम होगा। नेरचौक मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल का सरकार ने डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का दर्जा वापस लेने की अधिसूचना भी जारी कर दी है। कोरोना की दस्तक के साथ प्रदेश सरकार ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज को 23 मार्च 2020 को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का दर्जा दिया था।
इसके बाद यहां अन्य सभी ओपीडी पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। पिछले कई दिनों से ओपीडी दोबारा शुरू करने व कोविड अस्पताल दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग लोग कई माह से कर रहे थे। यहां भर्ती दो कोरोना संक्रमितों को छुट्टी मिलने के बाद कोई संक्रमित मरीज नहीं बचा।
कॉलेज प्रबंधन की रिपोर्ट मिलते ही सरकार ने डेडिकेटेड अस्पताल का दर्जा वापस ले लिया व ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर को दोबारा डेडिकेटेड अस्पताल का दर्जा दिया है।
प्रदेश सरकार ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज में दोबारा ओपीडी शुरू करने के आदेश दिए हैं। डेडिकेटेड अस्पताल का दर्जा वापस ले लिया गया है। सोमवार से सभी ओपीडी शुरू होंगी।
डाॅ. जीवानंद चौहान, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक नेरचौक मेडिकल कॉलेज