
सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि आदिवासी इलाके में लोगों को सरकार नक्सलवादी कह कर मार रही।फोटो लखवंत सिंह
- किसान मुद्दे पर चंडीगढ़ में कई गणमान्य लोगों ने सेमिनार में हिस्सा लेकर किसान आंदोलन का समर्थन किया
शहर के सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आज किसान आंदोलन को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें कई गणमान्य और राजनीतिक नेताओं ने हिस्सा लिया। इस सेमिनार में हिस्सा लेने वालों ने एक स्वर में कहा कि इस समय चल रहे किसान आंदोलन ने यह दिखा दिया है कि सरकार चाहे कितनी बलवान हो अगर अपने हक के लिए कोई खड़ा होता है तो सरकार को उसके सामने झुकना होता है। इस सेमिनार में शिरोमणि अकाली दल मान के सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि करीब 90 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान किसानों सरकार का यह दिखा दिया है कि उनके ओर से बनाए गए कानून उन्हें मान्य नहीं है। मान ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले आदिवासियों को सरकार कभी माओवादी और कभी नक्सलवादी कह कर उनकी नस्ल को खत्म किया जा रहा है।

शहर के किसान भवन में किसान आंदोलन को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया
आदिवासी इलाके के नेता वहां की आवाज नहीं उठाते
उन्होंने कहा कि देश के आदिवासी और देहाती इलाकों से चुन कर नेता देश की संसद में पहुंचते है लेकिन कभी भी इन नेताओं ने न कभी किसान की और न कभी आदिवासियों की आवाज को संसद में उठाया है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में मोदी नहीं बल्कि पैसे वालों की हाथ में देश की सरकार चल रही है। इन पैसों वालों के सामने मोदी सरकार केवल देखते रहती है कुछ कर नहीं पा रही है। मान ने कहा मोदी सरकार केवल पंजाब के किसानों से नहीं डरी बल्कि किसान जो हरियाणा-यूपी और पंजाब के किसान एक लाइन पर चलने लगे है इससे सरकार डर गई है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना के पीछे पूरी तरह से सरकार का हाथ था।

सिमरनजीत सिंह मान ने कहा सरकार किसानों से धक्का कर रही
गुजरात में सिख किसानों की जमीन छीनी
उन्होंने कहा कि जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंदर मोदी थे तो उस समय वहां के 60 हजार सिख किसानों की जमीन को गुजरात सरकार ने छीन ली थी। इन किसानों की जमीन समुंद्र के किनारे थे जहां पर अडाणी और अंबानियों ने चीजों को जमा करने के लिए बड़े-बड़े गोदाम बना लिए थे। इस बात को कभी भी किसी स्थानीय नेता ने संसद या वहां की विधानसभा में नहीं उठाई।
मार्क्सवादी नेता बोले
सेमिनार के दौरान मार्क्स-वादी कम्यूनिस्ट पार्टी के जोगिंदर दयाल ने कहा कि आज जो कानून बनाए गए है वो सब विश्व की शक्तियों के कहने पर बनाए गए है। उन्होंने कहा कि विश्व के पूँजीपति किसानों व गरीबों पर राज करने के लिए काम कर रही है जिसमें देश की सरकार पूंजीपतियों का साथ दे रही है। उन्होंने कहा कि तीन लाख खेती बाड़ी काम करने वाले मजदूर है,हर रोज देश के 25 सौ किसान शहरों में जाकर रिक्शापुलर बन रहे है।
फिल्म निर्देशक मान ने कहा
सेमिनार के दौरान एक्टर व फिल्म निर्देशक अमितोज मान ने कहा कि किसान अपने हक के लिए जिस तरह से आवाज उठा रहे है, उन्हें इसमें सफलता ज़रुर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में देश के किसान अपनी आवाज को लगातार सरकार के सामने उठा रहे है, जिसमें उन्हें लग रहा है कि जो कृषि कानून बनाए गए है उससे उन्हें आने वाले दिनों में नुकसान हो सकता है। अमितोज मान ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां संघर्ष को एक खास किस्म की नजर दे सकती है लेकिन अगर संघर्ष को सर्वपक्षी या व्यापक करना होता है तो उन्हें अलग करना होता है। मान ने कहा कि आने वाले दिनों में वे किसान आंदोलन से संबंधित फिल्म पर काम किया जा सकता है।