
पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर 7 अप 7 डाउन रेलगाड़ियां चलती थीं।
- चार डिब्बों की ट्रेन, एक डिब्बे में 44 सवारियां बैठ सकती हैं
- पठानकोट से जोगेंद्रनगर के बीच 32 रेलवे स्टेशन पड़ते हैं
कोरोना काल के चलते गत वर्ष अप्रैल माह से बंद हुई पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल को भारतीय रेलवे ने सोमवार से एक बार फिर से बहाल कर दिया है। सोमवार से पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर एक पेयर रेलगाड़ी चलनी शुरू हो गई। जिला कांगड़ा के लोग पठानकोट से जोगेंद्रनगर की ओर रेल में यात्रा कर सकेंगे। मंडल रेलवे फिरोजपुर के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने बताया कि कोविड 19 के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के साथ 22 फरवरी से एक पेयर रेलगाड़ी चलाने को मंजूरी दे दी गई है।
यह रेलगाड़ी पठानकोट से सुबह दस बजकर दस मिनट पर चलकर शाम 7 बजकर 55 मिनट पर जोगेंद्रनगर पहुंचेगी और यही रेलगाड़ी दूसरे दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर जोगेंद्रनगर से चलकर शाम पांच बजकर पांच मिनट पर पठानकोट पहुंचेगी। सोमवार को पठानकोट से सात सवारियों के साथ ट्रेन ने यात्रा शुरू की। चार डिब्बों की ट्रेन में 176 सवारियों की क्षमता है। एक डिब्बे में 44 सवारियां बैठ सकती हैं। पठानकोट से जोगेंद्रनगर के बीच 32 रेलवे स्टेशन पड़ते हैं।
मार्च माह से तीन ट्रेनें चलाने की योजना
रेलवे मंडल फिरोजपुर मार्च महीने में तीन और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है। पिछले साल कोविड-19 के तहत लॉकडाउन लगने के कारण रेलवे ने सभी ट्रेनें बंद कर दी थीं। पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर 7 अप 7 डाउन रेलगाड़ियां चलती थीं। दिसंबर में रेलवे बोर्ड ने देश में ट्रेनें चलानी शुरू कर दी थीं। लेकिन कांगड़ा जिला में पठानकोट से जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर चलने वाली रेलगाड़ियां बहाल नहीं की, जबकि हिमाचल में कालका-शिमला रेलमार्ग पर चार ट्रेनें बहाल कर दीं।
सांसद रामस्वरूप ने संज्ञान लेते हुए लोकसभा में पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर ट्रेनों की बहाली मामला उठाया तब जाकर रेल मंत्रालय ने कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कायम कर रेलगाड़ी चलाने की मंजूरी दी। मंडल रेल प्रबंधक फिरोजपुर ने पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर एक पेयर रेलगाड़ी चलाने की व्यवस्था कर दी।