रूस यूक्रेन पर नहीं, बल्कि इन देशों पर नियंत्रण करने की तैयारी कर रहा है; पुतिन की योजना ने दुनिया को चौंका दिया

मास्को : तीन वर्षों से अधिक समय से चल रहा युद्ध दिन-प्रतिदिन तीव्र होता जा रहा है। पूरी दुनिया को उम्मीद है कि यह युद्ध जल्द से जल्द ख़त्म हो जाएगा। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई देशों द्वारा प्रयास चल रहे हैं। तीन वर्षों से अधिक समय से चल रहा यह युद्ध दिन-प्रतिदिन तीव्र होता जा रहा है। पूरी दुनिया इस युद्ध के जल्द से जल्द ख़त्म होने की उम्मीद कर रही है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई देशों द्वारा प्रयास चल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भी बातचीत की इच्छा व्यक्त की है। नाटो देश और यूरोपीय संघ भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।

इस बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यूरोप के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है और रूस न केवल यूक्रेन बल्कि पूरे यूरोप पर नियंत्रण करना चाहता है। जानकारी सामने आई है कि रूस 2029 तक यूरोप पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है। एक जर्मन सैन्य अधिकारी ने कहा है कि इससे यूरोप के दरवाजे पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

 

जर्मन सेना के महानिरीक्षक कार्स्टन ब्राउर ने चेतावनी दी है कि रूस 2029 तक नाटो देशों पर बड़े पैमाने पर हमले कर सकता है। रूस ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। ब्रॉयर ने दावा किया है कि आने वाले वर्षों में रूसी सेना की ताकत बढ़कर 3 मिलियन हो जाने की संभावना है। यह संख्या युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए नहीं है, बल्कि एक विशाल यूरोपीय सेना को पराजित करने के लिए है। ऐसा संकेत ब्रॉयर ने दिया है। ब्रॉयर ने चेतावनी दी है कि पुतिन कूटनीतिक तरीकों से नाटो गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

रूसी सेना में रिकॉर्ड भर्ती

रूस वर्तमान में सैनिकों की भर्ती कर रहा है और पिछले सप्ताह 1.60 लाख युवकों को जबरन सेना में भर्ती किया गया। यह 2011 के बाद सबसे बड़ी संख्या है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में और भी बड़ा युद्ध छिड़ने की संभावना है। इसे यूरोप के लिए सबसे बड़ा ख़तरा माना जा रहा है।

रूस अपने मानव संसाधन और सैन्य उपकरणों में बड़े पैमाने पर वृद्धि कर रहा है। हर साल 1,500 से अधिक सैन्य टैंक बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, पुराने टैंकों को भी बिजली से लैस किया जा रहा है। रूस अपने हथियार भंडार को दोगुना कर रहा है। ये सभी संकेत बताते हैं कि क्रेमलिन सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि यूरोप पर भी नियंत्रण पाने की दिशा में कदम उठा रहा है।

जर्मनी से लेकर फ्रांस तक सभी देश हाई अलर्ट पर हैं

ब्रॉयर की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए यूरोप ने भी अपनी रक्षा की तैयारियां तेज कर दी हैं। जर्मनी ने लिथुआनिया में 5,000 सैनिकों की तैनाती की घोषणा की है। फ्रांस अपने नागरिकों के लिए एक गाइडबुक भी प्रकाशित कर रहा है। इसमें युद्ध के दौरान जीवित रहने के कुछ सुझाव दिए गए हैं। इसके अलावा सेना को रिजर्व बल में शामिल किया जा रहा है और आपातकालीन किट भी तैयार की जा रही हैं।

रूस के खिलाफ कई देश एकजुट

इसके अलावा, कुछ देशों ने एकजुट होकर लड़ने का निर्णय लिया है। इसमें बाल्टिक देश लातविया, लिथुआनिया और क्रोएशिया रूस के निकट अपनी सीमाओं पर सुरक्षा क्षेत्र स्थापित करेंगे। इसमें 600 बंकर, टैंक रोधी खाइयां, वन अवरोधक, ड्रैगन दांत और रॉकेट प्रणालियां होंगी।

पोलैंड और बाल्टिक देशों ने भी कार्मिक-विरोधी बारूदी सुरंग करों को अंतर्राष्ट्रीय करों से अलग कर दिया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में रूसी सेना को रोकने के लिए हथियारों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी। यूरोप के कई देश जबरन सैन्य भर्ती की नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ब्रिटेन ने भी इसकी शुरुआत कर दी है। रूस की आक्रामक रणनीति को देखते हुए, यूरोप को यथाशीघ्र अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।