
म्यांमार के मांडले में सोमवार को एक सैनिक को बैनर दिखाती बुजुर्ग महिला। इस पर लिखा था- हमारे वोट का सम्मान करें। म्यांमार में 1 फरवरी को सेना ने चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट दिया था।
म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद सेना और यहां के नागरिक आमने-सामने हैं। इस बीच फेसबुक ने म्यांमार के सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी और एमआरटीवी लाइव पेज को फेसबुक से हटा दिया है। एक दिन पहले ही चैनल ने मिलिट्री शासन का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को चेताया था। इस बीच यंगून में मिलिट्री शासन के खिलाफ अब लोगों ने मिशन 22222 शुरू किया है।

यंगून में प्रदर्शनकारियों ने रैली की और देश में लाेकतंत्र की बहाली की मांग की।
क्या है मिशन “Two Five”
म्यांमार के यंगून शहर में सोमवार को लोगों ने मिशन 22222 शुरू किया है। दरअसल, सोमवार को 22-02-2021 है। यानी कैंपेन की तारीख में पांच बार दो है। इसलिए इसे Two Five नाम दिया गया। इस दिन से लोगों ने पूरे देश को शट डाउन करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत लोग अब दुकान, ऑफिस बंद रखेंगे। कामकाजी लोग अपना काम बंद कर के मिलिट्री शासन का विरोध करेंगे। यह तब तक चलेगा जब तक लाेकतंत्र बहाल नहीं हो जाता।
सेना की चेतावनी का असर नहीं
म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ हो रहे अब तक के सबसे बड़े प्रदर्शनों में देशभर में लाखों लोग शामिल हुए। सेना ने चेतावनी जारी कर कहा था कि प्रदर्शनकारी बाहर निकल कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा।

युवाओं ने भी राजधानी नेपीता में अपने कपड़ों पर रिजेक्ट मिलिट्री स्लोगन के साथ प्रदर्शन् किया।
कई सड़कों के बंद होने के बावजूद हजार से अधिक प्रदर्शनकारी यंगून में अमेरिकी दूतावास के पास एकत्रित हो गए, लेकिन सेना के नजदीक पहुंचने के बाद किसी भी तरह के टकराव से बचने के लिए वे वहां से चले गए।

म्यांमार के प्रसिद्ध इनले लेक में लोगों ने नावों में नदी के बीच प्रदर्शन किया।
अब तक तीन लोगों की मौत
देश में अभी तक हुए प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर सोमवार को देशभर में कारखाने, कार्यालय और दुकानें बंद रहीं। नेपीता में भी बंद का असर दिखा। इन प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले ‘सिविल डिसोबीडिअन्स मूवमेंट’ ने लोगों से सोमवार को हड़ताल करने का आह्वान किया था। राजधानी नेपीता में भी बंद का असर दिखा।