
1. मैदा से बनी हुई खाद्य सामग्रियों को खाने से सबसे बुरा प्रभाव शरीर की हड्डियों पर पड़ता है। मैदा बनाते वक्त इसमें से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है जो हड्डियों से कैल्शियम को खींच लेता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
2. बहुत ज्यादा मैदा खाने से शरीर का वजन बढ़ना शुरु हो जाता है और आपके शरीर में वसा की मात्रा बढ़ने लगती है। यही नहीं, इससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल और खून में ट्राइग्लीसराइड भी बढ़ता है। यदि आपको वजन कम करना है तो अपने खाने से मैदे को हमेशा के लिये हटा दें।
3. मैदा पेट के लिये इसलिए खराब होता है क्योंकि इसमें बिल्कुल भी फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज होने की पूरी संभावना है। यदि इसे ज्यादा मात्रा में खा लिया जाए तो इसका असर कुछ ही घंटों में देखने को मिलता है।
4. मैदे में ग्लूटन होने की वजह से फूड एलर्जी को पैदा करता है। मैदे में भारी मात्रा में ग्लूटन पाया जाता है जो खाने को लचीला बना कर उसको मुलायम टेक्सचर देता है। वहीं गेंहू के आटे में ढेर सारा फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है।
5. मैदा से सिर्फ नुकसानदायक है बल्कि हृदय से संबंधित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। मैदे को नियमित खाते रहने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और बार-बार बीमार होने की संभावना बढ़ने लगती है।
6. मैदे को खाने से शुगर लेवल तुरंत ही बढ़ जाता है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यदि आप बहुत ज्यादा मैदे का सेवन करते हैं, तो पैनक्रियाज में समस्या उत्पन्न कर देती है। मैदे से शरीर में कम इंसुलिन का उत्पादन होगा और आप मधुमेह की चपेट में आ जाएंगे।
7. जब बल्ड शुगर बढ़ता है तो खून में ग्लूकोज जमने लगता है, फिर इससे शरीर में केमिकल रिएक्शन होता है। जिससे गठिया और हार्ट की बीमारियां होने लगती हैं। यदि आपके जोड़ों में अक्सर दर्द बना रहता है तो मैदा का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए।