कुंडली बॉर्डर पर एसी को लेकर जाते पंजाब के किसान।
- महापंचायतों के चलते मोर्चे की बैठकों में नहीं पहुंच रहे किसान नेता,रविवार को कोर कमेटी के 7 में से 2 सदस्य मौजूद थे
- हरियाणा और पंजाब में महापंचायत नहीं करने के हक में हैं मोर्चे के ज्यादातर सदस्य
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन में महापंचायतों के नाम पर सियासत जारी है। संयुक्त मोर्चे की बैठकों में लगातार हरियाणा और पंजाब में महापंचायतें नहीं करने का मुद्दा उठने के बावजूद खुद मोर्चे के बड़े किसान नेता लगातार दोनों राज्यों में महापंचायत कर रहे हैं। र
विवार को हुई मोर्चे की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और जत्थेबंदियों ने दोनों राज्यों में महापंचायत नहीं करने की बात बड़े नेताओं से कही थी। प्रेसवार्ता में भी इसको लेकर जब सवाल पूछे गए थे तो मोर्चे के सदस्यों का यही कहना था कि हरियाणा और पंजाब में अब महापंचायत नहीं करेंगे, जबकि अन्य राज्यों में जारी रहेंगी।
इस सब के बावजूद मोर्चे के बड़े नेताओं राकेश टिकैत, गुरनाम चढ़ूनी, दलबीर सिंह ढल्लेवाल और युद्धवीर सिंह सोनीपत के खरखौदा में आयोजित महापंचायत में शामिल हुए। इससे एक दिन पहले रविवार को बलबीर राजेवाल ने पंजाब में महापंचायत की थी। इसका मुद्दा भी मोर्चे की बैठक में उठा था।
संयुक्त मोर्चा के कमजोर होने का डर
हरियाणा और पंजाब में लगातार हो रही महापंचायतों का मुद्दा संयुक्त मोर्चा की बैठक में बार-बार इसलिए उठ रहा है, क्योंकि मोर्चे के ज्यादातर सदस्यों को इससे मोर्चे के कमजोर होने का डर है।
रविवार को हुई बैठक में मोर्चे की कोर कमेटी के 7 सदस्यों में से केवल 2 ही सदस्य मौजूद थे, जिसके चलते बैठक में बड़े निर्णय नहीं हो पाए और 28 फरवरी की फिर से बैठक रखनी पड़ी, जो सदस्य बैठक में नहीं आए थे, उनमें से ज्यादातर अलग-अलग क्षेत्रों में महापंचायत करने में व्यस्त थे। इसलिए बैठक में कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और कहा कि पंचायतों के चलते हमारे नेताओं ने बैठक को महत्व देना कम कर दिया है। इससे आंदोलन को तेज करने के निर्णय नहीं हो पा रहे।
इधर, किसानों ने की गर्मी के सीजन की तैयारी
कुंडली बॉर्डर पर एसी व कूलर लगने शुरू, टिकरी से लौटने लगे ट्रैक्टर, अब शेड में रहेंगे
कुंडली/टिकरी बॉर्डर, आंदोलनरत किसानों ने गर्मी के सीजन की तैयारी कर ली है। कुंडली में एसी, कूलर, पेयजल समेत तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। दूसरी ओर टिकरी बॉर्डर पर किसानों के ट्रैक्टरों के पंजाब के गांवों में वापस जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिनके ट्रैक्टर वापस जा रहे हैं, उन्होंने बांस के शेड तैयार करने का सिलसिला तेज कर दिया है। एक शेड में 9 किसानों के आराम करने की व्यवस्था है। एक शेड में एक कूलर भी लगेगा। उसके लिए कूलरों को जल्द भेजा जाएगा।