औरंगाबाद के उपहारा में दो दिन पहले अगवा हुए मासूम की लाश पुनपुन नदी किनारे एक सरकारी बोरवेल में मिली। अपराधियों ने रविवार देर रात घर घुसकर नानी के पास सोए मासूम को पहले अगवा किया फिर उसकी हत्या कर बोरवल में फेंक दिया। मंगलवार सुबह टहलने निकले लोगों ने बोरवेल में बच्चे की लाश देखी तो इलाके में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। लेकिन, आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को बोरवेल से बाहर नहीं निकालने दिया। ग्रामीणों का कहना है कि हत्यारे की गिरफ्तारी के बाद ही शव को बाहर निकालने दिया जाएगा। 24 घंटे बाद यानी कि बुधवार सुबह तक लाश बोरवेल में पड़ी हुई है। पुलिस ग्रामीणों को समझा रही हैं। डॉग स्क्वायड को बुलाकर मामले की पड़ताल की गई लेकिन ग्रामीण नहीं माने। अब ग्रामीण फारेंसिक टीम बुलाने की मांग कर रहे हैं।
दाउदनगर SDPO राजकुमार तिवारी के अनुसार रविवार देर रात उपहारा में एक बच्चे को उसके घर से अपराधियों ने अगवा कर लिया था। मंगलवार को उसकी लाश बोरवेल में मिली। पुलिस लाश को बोरवेल से बाहर निकालने लगी तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों को हत्यारे की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया गया है। इस मामले में घरवाले और आसपास के लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। हत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है। SDPO का कहना है कि फोरेंसिक की टीम को सूचना दी गई। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

नानी को घायल कर नाती को किया अगवा
रविवार देर रात अपराधी रंजू देवी के घर घुसे और उसके नाती (धैर्य कुमार) को खोजने लगे। रंजू देवी ने विरोध किया तो अपराधियों ने धारदार हथियार से सिर और पेट पर वार किया, जिससे रंजू देवी बेहोश होकर वहीं गिर पड़ी। इसके बाद अपराधी धैय को लेकर फरार हो गए। सोमवार सुबह जब रंजू देवी का बेटा रोहित कुमार जगा तो घर में सन्नाटा पसरा था। इसके बाद कमरे में झांक कर देखा तो उसकी मां खून से लथपथ बेहश पड़ी हुई थी और उसका भांजा गायब था। इसके बाद उसने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पहुंची और घायल रंजू देवी को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के पटना रेफर कर दिया। घायल महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। इधर, पुलिस बच्चे की तलाश में जुट गई थी। लेकिन, मंगलवार सुबह बच्चे की लाश मिली तो सभी सन्न रह गए।

जन्म के बाद से ही ननिहाल में रहता था धैर्य
परिजनों के अनुसार धैर्य कुमार जन्म के बाद से ही अपने ननिहाल में रहता था। उसका पैतृक घर सीवान जिला है। माता-पिता बेंगलुरु में प्राइवेट नौकरी करते हैं। उसकी नानी को धैर्य से खास लगाव था। वह उसे अपने पास रखना चाहती थी। इसलिए धैर्य के माता-पिता उसे यहां छोड़कर चले गए थे। बेटे की अगवा होने की बात सुनते उसकी मां सोमवार देर रात उपहारा पहुंच गई। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।