
पंचायत चुनाव में इस बार 6 कराेड़ 44 लाख 54 हजार 749 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद यह तस्वीर सामने आई है। खासबात यह है कि वर्ष 2016 में हुए पंचायत चुनाव की तुलना में इस बार 64,58,876 वोटर बढ़ गए हैं। वर्ष 2016 में पंचायत की वोटर लिस्ट में 57995873 वोटर थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 2021 की वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने, संशोधन और हटाने के लिए दावा-आपत्ति के आवेदनों की संख्या में 2016 में हुए पंचायत चुनाव की तुलना में 685.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आयोग के अनुसार दावा आपत्ति दाखिल किए जाने की कुल संख्या 388858 है, जिनमें 110047 ऑनलाइन और 278811 ऑफलाइन किए गए। इन दावा-आपत्तियों में नाम सम्मिलित करने के लिए 378408, संशोधन के लिए 3302 और विलोपन के लिए 7148 आवेदन प्राप्त हुए थे। नए नाम शामिल करने के लिए सर्वाधिक आवेदन क्रमश: सहरसा में 40062, वैशाली में 32646, गोपालगंज में 24990, पटना में 24811 एवं पूर्वी चंपारण में 23334 दाखिल किए गए। वहीं न्यूनतम आवेदन अरवल में 691, शिवहर में 1707, लखीसराय में 1932 और किशनगंज में 1988 दिए गए।
ईवीएम का फंसा पेच, चुनाव की तिथि की घोषणा में देर संभव
बिहार में पंचायत चुनाव की घोषणा को लेकर असमंजस की स्थिति है। पूरा मामला ईवीएम को लेकर अटक गया है। उम्मीद की जा रही थी कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन, ईवीएम का पेच फंसने के कारण इसकी संभावना कम है कि राज्य निर्वाचन आयोग फरवरी में चुनाव की घोषणा करे। आयोग के सूत्रों के अनुसार चुनाव को लेकर 28 फरवरी को घोषणा संभावित है, लेकिन अब इसमें थोड़ी देर हो सकती है। पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम की आपूर्ति के लिए ईसीआईएल को भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति चाहिए। यह मामला अभी हाईकोर्ट में है।