
कोरोना महामारी के बाद अब भारत एक और बड़ी स्वास्थ्य चुनौती—डेंगू—से निपटने की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा रहा है। कोविड-19 के लिए बनी स्वदेशी वैक्सीन ‘Covaxin’ की तरह अब भारत में डेंगू के लिए भी देसी वैक्सीन ‘DengiAll’ विकसित की जा रही है। यह वैक्सीन फिलहाल तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में है और इसके नतीजे अब तक बेहद सकारात्मक रहे हैं। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो यह टीका अगले साल के मध्य तक बाजार में उपलब्ध हो सकता है।
क्या है ‘DengiAll’ और कौन बना रहा है?
‘DengiAll’ नामक यह वैक्सीन ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) और पैनासिया बायोटेक के संयुक्त प्रयास से विकसित की जा रही है।
- फेज 1 और फेज 2 ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं।
- वर्तमान में यह वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में है, जिसमें 10,335 प्रतिभागियों पर परीक्षण हो रहा है।
- ट्रायल देशभर के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 19 केंद्रों पर चल रहा है।
डेंगू का कहर और वैक्सीन की जरूरत
हर साल मानसून के दौरान डेंगू देश के कई राज्यों में कहर बरपाता है।
- बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं।
- डेंगू से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं और हजारों मौतें भी होती हैं।
- ऐसी स्थिति में यदि ‘DengiAll’ सफल होती है, तो यह देश की पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन बनकर गेम चेंजर साबित हो सकती है।
वैक्सीन की संरचना और वैज्ञानिक आधार
‘DengiAll’ को NIH (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ, अमेरिका) द्वारा विकसित टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन (TV003/TV005) के आधार पर बनाया गया है।
- टेट्रावेलेंट वैक्सीन का मतलब है कि यह डेंगू वायरस के सभी चार प्रकारों के खिलाफ प्रभावी होती है।
- राजनीतिक कारणों से भारत-अमेरिका सहयोग में कुछ बाधाएं आई हैं, लेकिन भारत में फिलहाल वैक्सीन विरोधी मानसिकता को कोई समर्थन नहीं मिल रहा है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
भारत की स्वास्थ्य विज्ञान में प्रगति
भारत केवल डेंगू ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों के खिलाफ भी तेजी से काम कर रहा है।
- सरकार की योजना है कि अगस्त 2025 तक ब्रेस्ट, ओरल और सर्वाइकल कैंसर के लिए भी टीके बाजार में लाए जाएं।
- ये वैक्सीन खासतौर पर 9 से 16 साल की लड़कियों के लिए लाभकारी साबित होंगी।