कोरोना के गढ़ वुहान में मरीजों पर कोरोना का असर कम नहीं हो रहा। संक्रमण खत्म होने के 6 माह बाद भी 76 फीसदी मरीजों में अभी भी लक्षण बरकरार हैं। इसके मामले महिलाओं में ज्यादा है।
लैंसेट जर्नल में पब्लिश खबर के मुताबिक, मरीजों में अब भी लॉन्ग कोविड का असर दिख रहा है। इन मरीजों में थकान, कमजोर मांसपेशी, नींद आने की दिक्कत, बेचैनी और डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं। यह रिसर्च चीन के नेशनल सेंटर फॉर रेस्पिरेट्री मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने की है।
कोरोना का असर कितने समय तक रहेगा, पता लगा रहे
शोधकर्ता बिन काओ का कहना है, रिकवरी के बाद कोरोना का असर कितने लम्बे समय तक रहता है, इसका पता लगाया जा रहा है। हम इसकी शुरुआती स्टेज पर हैं। कोरोना के गंभीर संक्रमण से जूझने वाले मरीजों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद भी देखभाल की जरूरत है।
1,733 मरीजों पर हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह रिसर्च कोरोना से रिकवर होने वाले 1,733 मरीजों पर हुई। ये सभी मरीज वुहान के जिनयितान हॉस्पिटल के हैं, जो पिछले साल जनवरी और मई के बीच डिस्चार्ज हुए थे। रिसर्च में सामने आया कि 76 फीसदी मरीजों में लक्षण बरकरार थे। 63 फीसदी में थकान और मांसपेशियों में कमजोरी की शिकायत थी। वहीं, 26 फीसदी में नींद न आने की समस्या थी।
क्या है लॉन्ग कोविड?
- लॉन्ग कोविड की कोई मेडिकल परिभाषा या लक्षणों की लिस्ट नहीं है। जो मरीज कोविड-19 निगेटिव हो गए, उन्हें महीनों बाद भी समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लॉन्ग-टर्म अनुभव ही लॉन्ग कोविड है।
- लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कॉमन लक्षण है थकान। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सुनने और देखने की समस्याएं, सिरदर्द, गंध और स्वाद न आना।
- इसके साथ-साथ आंतों, किडनी, फेफड़ों और दिल को नुकसान भी इनसे जुड़ी समस्याएं हैं। डिप्रेशन, एंग्जाइटी और साफ सोच के लिए संघर्ष जैसी मेंटल हेल्थ समस्याएं भी सामने आ रही हैं। यह मुश्किलें किसी भी व्यक्ति की क्वालिटी ऑफ लाइफ बर्बाद कर सकती हैं।
- लॉन्ग कोविड शब्द का इस्तेमाल पहली बार एलिसा पेरेगो (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च एसोसिएट) ने मई 2020 में अपने कोविड-19 अनुभवों को शेयर करते हुए किया था। तब से कई मरीज इस तरह के अनुभव सुना चुके हैं।
यदि आपको लॉन्ग कोविड है तो क्या करना चाहिए?
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल से जुड़े डॉक्टर और एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यदि आप कोविड-19 से रिकवर नहीं कर पा रहे हैं, अगर आपके लक्षण पूरी तरह से नहीं गए हैं और इंफेक्शन को लेकर निगेटिव आने के बाद भी लक्षण बढ़ते जा रहे हैं तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।