
सुप्रीम न्यायालय ने मंगलवार को कानूनों की संवैधानिक वैलिडिटी को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर आदेश पारित करते हुए तीनों कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी. अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया जाहीर करते हुए पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, “राष्ट्र मानवीय समस्याओं के निवारण के लिए अनुसूचित जाति से बहुत आशा करेगा, लेकिन मूलतः यह नीति का केस लगता है.
“मुझे नहीं पता कि उच्चतम न्यायालय आखिरकार इस मुद्दे को किस हद तक सुलझाने में सक्षम है. किसानों की मांग पर अनुकूल विचार करने के लिए उत्तरदायी सरकार को अब आगे आना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने अपनी बुद्धिमत्ता के मुताबिक निर्णय किया है और मुझे लगता है कि मानवीय समस्या के निवारण के लिए देश उच्चतम न्यायालय से बहुत आशा करेगा. कुमार ने आगे कहा, मुझे आशा है कि किसान संगठन उच्चतम न्यायालय के इशारे पर उत्तर देंगे लेकिन जरूरी रूप से यह नीति का केस लगता है.
फिर, मैं समिति के गठन पर टिप्पणी करना पसंद नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि किसानों को पहले से ही उच्चतम सियासी स्तर पर सूचित किया है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा, यदि यह समिति इस मुद्दे के साथ प्रगति करने में सक्षम है तो यह एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन मुझे अपनी आपत्तियां हैं.